किताब वाला इश्क !!

एक दिन वो मेरे लिये इक किताब लाया था । किताब नहीं वो इक बात लाया था । सिलसिला ये वो था जो अभी शुरू हुआ था । मेरे लिए वो सपनों की सौगात लाया था । पढ़ डाली वो किताब हमनें उसे सोचते हुये । वो संग किताब के, अपनें ख़्यालात लाया था । महसूस किया हाथों से,आँखो से पढ़ लिया । बिना हुये भी, रूबरू वो मेरे हो गया था ।