बहुत कुछ जोड़ सकता है किसी को किसी से......

बहुत कुछ जोड़ सकता है 
किसी को किसी से......

धूप भी, बारिश भी
हवायें भी, आसमान भी
सूरज का ढलना और उगना 
पहाड़ों पर संग टहलना भी 
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सूरज का आना बिस्तर पे
कमरे में चमकना चाँद का 
उड़ाना सिगरेट के छल्ले संग 
और बीयर की दूकान भी

बहुत कुछ जोड़ सकता है 
किसी को किसी से....... 

एक ही थाली में खिलाना-खाना 
नींबू का अचार,गोभी के पराठे
और बनारसी पान भी
मांझे से लगी ऊँची उड़ती पतंग 
वो छत वाला मकान भी
बहुत कुछ जोड़ सकता है 
किसी को किसी से....... 

देवी का मंदिर
अरदास गुरूद्वारे की
चर्च की बेल और 
मस्जिद की अजान भी
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गीत भी, गज़ल भी
सुर भी, तान भी 
मीर के शेर और
ग़ालिब का दीवान भी 
बहुत कुछ जोड़ सकता है 
किसी को किसी से......
प्रेम करना भी 
और प्रेम जताना भी !!

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