करिये जब मोहब्बत तब ये तर्ज़बा होता है !!
भरी महफ़िल में कोई
तन्हा कैसे होता है
करिये जब मोहब्बत
तब ये तर्ज़बा होता है
बंद आँखों से देखना
चेहरे को उसके
और खुली आँखों में भी
सपना उसका होता है
मिलनें और बिछड़नें पर
होते हैं एक ही जैसे हालात
आनें पर चले जानें का और
जानें पर न आनें का ग़म होता है
ख़ामोशियाँ करे हैं आवाज़ और
आवाज़ें सभी रहती हैं खामोश
हो मोहब्बत जिससे नहीं वो
किसी से कम लगता है
अक़्ल पर पड़ जाते हैं ताले पर
खुले रहते हैं दरवाज़े दिल के
पुर्ज़ा-पुर्ज़ा जिस्म का
उसका माईल होता है
माईल - प्रशंसक
©️Dr.Alka Dubey
#dralkadubey
Vary good. God bless you
ReplyDeleteThank you !!
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